इसका प्रयोग पुराने दिनों से ही प्रचलित है इसके विभिन्न उपयोगों के चलते इसे हर घर में इस्तेमाल किया जाता है, या यूं कहे हमारे दैनिक कार्यों में इस्तेमाल में लाई जाने वाली एक आम वस्तु है, इसीलिए इसकी मांग निरंतर बनी रहती है और आज उद्यमी के माध्यम से कोई इच्छुक व्यक्ति या सक्षम व्यक्ति खुद का मैच बॉक्स मैनुफैक्चरिंग बिज़नेस कैसे शुरू कर सकता है.

इसकी पूरी जानकारी आप सभी को दी मैचबॉक्स से एक बेहद उपयोगी उपकरण है और इसका प्रमुख इस्तेमाल आग प्रज्वलित करने के लिए किया जाता है यानी इसका इस्तेमाल रसोईघर में गैस जलाने, मंदिर में दिया अगरबत्ती इत्यादि जलाने के लिए किया जाता है और इसके अन्य उपयोगों में चिमनी औद्योगिक वर्नर कैंप, फाइर या मोमबत्तियां जलाना भी शामिल है वहीं आंकड़ों के मुताबिक भारत देश में सबसे ज्यादा मैच बॉक्स का निर्माण किया जाता है और यही कारण है कि दुनिया भर में इस्तेमाल में लाई जाने वाली हर तीसरी माचिस भारतीय माचिस है ऐसे में ये कहना गलत नहीं होगा कि अगर आप भी इस व्यवसाय को शुरू करना चाहते हैं या रुचि रखते हैं तो आपके लिए यह एक सुनहरा मौका है तो चलिए मैच बॉक्स बनाने के प्रोसेसेस इंडस्ट्रियल की शुरुआत करते हैं

कैसे बनाये
मैच मार्क्स बनाने के लिए सबसे पहले वुडेन की आउटर स्किन को वर्किंग मशीन की मदद से रिमूव किया जाता है जिसके बाद वुडेन लॉग्स को रिक्वायर्ड लेंथ के अकॉर्डिंग सौ मिलिंग मशीन से कट किया जाता है मशीन की हेल्थ से जुड़े ब्लॉग्स को थिन वुडेन शीट्स पे फीलिंग की जाएगी और फिर विनीत को पिरिऑडिक अली कट किया जाता है इसके बाद वुडेन शीट्स का बनाकर चॉपर से स्प्लिट्स में काटा जाता है अब स्प्लिट्स की क्लीनिंग की जाएगी किसके पास प्लांट्स को ड्राइवर की मदद से डरीं किया जाता है? अब पैराफिन बैग्स अमोनियम सल्फेट, पोटैशियम क्लोरेट, एन्टिमोनी सल्फाइड, कलर डी को रिक्वायर्ड कॉंपोज़िशन के हिसाब से मिक्स किया जाता है और फिर इस पेस्ट को मैथ्स टिक मेकिंग मशीन में फीड किया जाता है इस मशीन में प्रोसेस्ड मैथ्स और एडिटिव्स को भी मशीन में फीड किया जाता है उसके बाद मशीन मैस्टिक कोलाइन करती है और साइट्स में डिफ़रेंट सॉल्यूशन्स के अंदर मैथ्स टैक्स कोड किया जाता है इसके बाद इन मैथमैटिक्स को ट्राई किया जाता है और इस तरह मशीन से रेडी मैच स्टिक्स बाहर आती है और फिर इन मैथमैटिक्स को मैच बॉक्स और पैकेजिंग मशीन में फीड किया जाता है

मैचबॉक्स का दूसरा कॉम्पोनेंट होता है बॉक्स जो की जेनरली आउटर और इनर बॉक्स में डिवाइड होता है बॉक्स बनाने के लिए इनिशल ई पेपर रोज़ की लैमिनेशन की जाती है, जिसके बाद लैमिनेटेड शीट्स पर प्रिंटिंग की जाती है अब रेड फॉस्फोरस, फेरिक ऑक्साइड और कलर डाइड तो मिक्स करके मैच बॉक्स के सर ऑफिस के लिए पेस्ट बनाया जाता है और उसे मैच बॉक्स के सरफेस पर मशीन द्वारा लगाया जाता है इसके बाद पेपर की स्लिप्पिंग फोल्डिंग और पेस्टिंग की जाती है, जिसके बाद आपका आउटर बॉक्स तैयार हो जाता है इस तरह इनर बॉक्स की भी इस लिफ्टिंग फोल्डिंग और पेस्टिंग की जाती है और दोनों बॉक्स के लिए यूज़ होने वाले डी सेट्स और मेकनिजम डिफरेंट होते हैं अब इन तैयार बॉक्स को मैचबॉक्स फिलिंग और पैकेजिंग मशीन में फीड किया जाता है मैचबॉक्स कॉम्पोनेंट्स जैसे आउटर बॉक्स इन आर बॉक्स ऐंड मैथ स्टिक्स को मैचबॉक्स फिल्लिंग और पैकेजिंग मशीन एप्रोप्रिएट ली अलाइन करती है, जिसके बाद रिक्वायर्ड काउंट को मैस्टिक सिनर बॉक्स में फीड करती है फिल्लर इनर बॉक्स को मशीन आउटर बॉक्स में इन्सर्ट करती है और मैचबॉक्स तैयार हो जाते हैं इसके बाद मैच बॉक्स को मैचबॉक्स टेकिंग मशीन और पैकेजिंग मशीन में फीड किया जाता है, जहाँ इन्हें स्टैक्स और साइट्स में पैक किया जाता है अब आपका प्रॉडक्ट सेल के लिए पूरी तरह से तैयार है.

मैच बॉक्स बनाने के लिए इस्तेमाल होने वाले जरूरी रॉ मटीरीअल
वुडेन लॉग्स, अमोनियम फॉस्फेट, पैराफिन बैक्स, पोटैशियम क्लोरेट, एन्टिमोनी सलफी, सल्फर फेरिक ऑक्साइड, रेड फॉस्फोरस कलर डाइ पेपर रोल क्राफ्ट पेपर कार्ड बोर्ड और ग्लू बात करे मशीन्स की तो मैच बॉक्स बनाने के लिए आपको मैथ्स, टिक मेकिंग मशीन, मैचबॉक्स मेकिंग मशीन, मैचबॉक्स, पैकेजिंग मशीन की आवश्यकता होगी वहीं इक्विपमेंट के तौर पर आपको स्टोरेज टैंक, कलेक्शन टैक्स और मटिरीअल हैंडलिंग इक्विपमेंट की रिक्वायरमेंट होगी इन मशीन के साथ पूरे प्लांट को रन करने के लिए आपको लगभग दो से तीन किलोवॉट इलैक्ट्रिक लोड की जरूरत होगी और लगभग छह से आठ मैन पावर के साथ इस बिज़नेस को शुरू किया जा सकता है जिसमें ऑपरेटर्स, स्किल अनस्किल्ड, लेबर मैनेजर आदि शामिल हैं वहीं अगर बात करे एरिया की तो पंद्रह सौ से दो हज़ार स्क्वेयर फिट एरिया सफीशियंट होगा,

जिसमें रॉ मटिरियल, स्टोरेज एरिया, प्रोडक्शन एरिया, फिनिश्ट, गुड एरिया आदि शामिल हैं उपयुक्त सभी फिगर्स व्यवसाय के साइज प्रकार और आपकी इन्वेस्टमेंट के अनुसार बढ़ाई या घटाई जा सकती है चलिए अब आपको इस बिज़नेस में लगने वाली लागत और उससे होने वाले मुनाफ़े के बारे में जानकारी देते हैं यानी अब हम बात करते हैं इन्वेस्टमेंट ऐंड प्रॉफिटेबिलिटी की इस व्यवसाय को शुरू करने के लिए आपको लगभग चालीस से बयालीस लाख के इन्वेस्टमेंट करनी होगी और बात करें प्रॉफिट की तो अगर फैक्टरी एक्स्पेन्सस सेल्स ऐडमिन एक्स्पेन्स को हटा दिया जाए तो आप इस बिज़नेस से छे से सात परसेंट प्रॉफिट मार्जिन अर्न कर सकते हैं इस व्यवसाय को शुरू करने के लिए जन लाइसेंस का लेना अनिवार्य है वो है जीएसटी उद्यम नो सी फ्रॉम पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड और एनओसी फ्रॉम फायर डिपार्ट्मेन्ट आपके पास निवेश के लिए धन की कमी है तो आप सरकार द्वारा चलाई जा रही पीएमईजीपी योजना का लाभ उठा सकते हैं बीस लाख तक सर्विस सेक्टर पचास लाख तक मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की लागत के प्रोजेक्ट इस योजना के अंतर्गत आते हैं आपके वर्ग के अनुसार सब्सिडी भी प्रदान करने का प्रावधान है अगर आप बनना चाहते हैं एक सफल उद्यमी तो आज इस व्यवसाय को शुरू कीजिये और भारत को आत्मनिर्भर बनाने में अपना योगदान दीजिए
माचिस की तीली कैसे तैयार की जाती है?
मैच मार्क्स बनाने के लिए सबसे पहले वुडेन की आउटर स्किन को वर्किंग मशीन की मदद से रिमूव किया जाता है जिसके बाद वुडेन लॉग्स को रिक्वायर्ड लेंथ के अकॉर्डिंग सौ मिलिंग मशीन से कट किया जाता है मशीन की हेल्थ से जुड़े ब्लॉग्स को थिन वुडेन शीट्स पे फीलिंग की जाएगी और फिर विनीत को पिरिऑडिक अली कट किया जाता है इसके बाद वुडेन शीट्स का बनाकर चॉपर से स्प्लिट्स में काटा जाता है अब स्प्लिट्स की क्लीनिंग की जाएगी किसके पास प्लांट्स को ड्राइवर की मदद से डरीं किया जाता है? अब पैराफिन बैग्स अमोनियम सल्फेट, पोटैशियम क्लोरेट, एन्टिमोनी सल्फाइड, कलर डी को रिक्वायर्ड कॉंपोज़िशन के हिसाब से मिक्स किया जाता है और फिर इस पेस्ट को मैथ्स टिक मेकिंग मशीन में फीड किया जाता है इस मशीन में प्रोसेस्ड मैथ्स और एडिटिव्स को भी मशीन में फीड किया जाता है उसके बाद मशीन मैस्टिक कोलाइन करती है और साइट्स में डिफ़रेंट सॉल्यूशन्स के अंदर मैथ्स टैक्स कोड किया जाता है इसके बाद इन मैथमैटिक्स को ट्राई किया जाता है और इस तरह मशीन से रेडी मैच स्टिक्स बाहर आती है और फिर इन मैथमैटिक्स को मैच बॉक्स और पैकेजिंग मशीन में फीड किया जाता है
माचिस की तीली में कौन सा मसाला होता है
फास्फोरस का मसाला होता है
माचिस banane में कौन सी लकड़ी होती है?
अफ्रीकन ब्लैकवुड से बनती है