Short Stories in Hindi with Moral for Kids (बच्चों के लिए हिंदी में मोरल के साथ छोटी कहानियां:)

बच्चों के लिए हिंदी में मोरल के साथ छोटी कहानियां: लकड़हारा और चालाक गधा: एक लकड़हारा जंगल में गिर गया था। वह दुखी था कि वह कहां जाएगा। तभी एक चालाक गधा आया और उसे सहायता करने के बहाने उसे अपने लिए काम करने के लिए ले गया। मोरल: अच्छी सहायता देने का एक सही तरीका होता है कि आप उसे दूसरों के लिए काम करते हुए सीखें।

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2. सच्चा दोस्त: एक मुर्गा और एक बैल अच्छे दोस्त थे। एक दिन मुर्गा बैल को एक सवाल पूछा, “तुम क्यों इतनी भारी हो?” बैल ने उत्तर दिया, “मैं फसल को खेत से खींचता हूँ।” मुर्गा ने फिर सवाल पूछा, “तो फिर तुम इतनी मजबूत क्यों हो?” बैल ने उत्तर दिया, “मैं अपनी मजबूत बनाने के लिए हर दिन काम करता हूँ।” मोरल: एक सच्चा दोस्त हमेशा आपके साथ होता है और आपको उससे कुछ न कुछ सीखना चाहिए।

Short Stories in Hindi with Moral for Kids

3. तीन सोमवार

एक गांव में एक बूढ़ी महिला रहती थी जो हर सोमवार को गांव के बगीचे में जाती थी और वहाँ से तीन अमरूद का पेड़ तोड़ती थी। एक दिन एक लड़का उसकी मदद के लिए उसके पीछे आया और तीन अमरूद को तोड़ने में उसकी मदद की। उसकी मदद करने के बाद, उसने बूढ़ी महिला से पूछा कि उन तीन सोमवारों में आप इतने अमरूद क्यों तोड़ती हैं? बूढ़ी महिला बताई कि वह तीन अमरूद उसके तीन पुत्रों को देती है, जो अलग-अलग शहरों में रहते हैं। उसने उस लड़के को यह सीख दी कि धन की जितनी बड़ी मात्रा भी हो, यदि आप उसे दूसरों के साथ साझा नहीं करते हैं, तो वह आपके लिए कुछ नहीं होगा।

4. लोमड़ी और कछुआ – इस कहानी में एक लोमड़ी और कछुआ की दोस्ती होती है। लोमड़ी बहुत चतुर थी और कछुआ थोड़ा धीमा। एक दिन दोनों के बीच अफवाह फैलती है कि जल्द ही दुनिया का अंत होगा। लोमड़ी बहुत चतुर होते हुए बिना खुशी के कछुआ को पीछे छोड़ दौड़ने लगती है। कहानी का मोरल है कि हमेशा सही तथ्यों का जाँच करना चाहिए और दूसरों की सहायता करनी चाहिए।

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5. बंदर का सफर – इस कहानी में एक बंदर अपनी यात्रा पर निकलता है। वह लंबी यात्रा के दौरान बहुत सारे फलों को खाता है और उन्हें अपने साथ लेकर चलता है। फिर उसे अपने आप पर गर्व होता है। लेकिन एक दिन उसे बारिश में भीग जाने से सब पतला हो जाता है और वह समझता है कि उसकी बेजोड़ महत्त्वाकांक्षा थी। कहानी का मोरल है कि हमें अपने अहंकार को छोड़कर अपनी यात्रा को संतुष्टि से मानना चाहिए।

6. चींटी और टिड्डा :एक बार बार एक चींटी और एक टिड्डा एक साथ काम करने के लिए मिले। चींटी बहुत मेहनती थी और उसे हमेशा काम में लगन था। वह अपने काम को बढ़िया से बढ़िया करने के लिए हमेशा मेहनत करती रहती थी।

वहाँ से टिड्डा उसे देखता था और सोचता था कि यह तो मेरे सामने से गुजरती है, इसे कुछ सीखना चाहिए। इसलिए, एक दिन टिड्डा ने चींटी से कहा, “हाय दोस्त, तुम इतनी मेहनत करती हो और इतने काम करती हो। लेकिन तुम्हारे साथ तो फल भी नहीं है। मेरे पास तो फल है लेकिन मैं इतना मेहनत कैसे करूँ?”

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चींटी ने टिड्डा को बताया कि फल का नहीं, काम का महत्व होता है। फिर उसने टिड्डा से कहा, “अगले दिन से तुम मेरे साथ काम करना शुरू करो, मैं तुम्हें सिखाऊंगी कि कैसे काम करना है।”

अगले दिन से टिड्डा चींटी के साथ काम करने लगा। चींटी ने उसे बताया कि कैसे धीरे-धीरे काम करना होता है और किस तरह से उसे बेहतर बनाया जा सकता है। टिड्डा ने धीरे-धीरे इसका पालन किया |

7. अहंकारी शेर: एक शेर था जो बहुत अहंकारी था। वह अपनी शक्ति और ताकत पर गर्व करता था। एक दिन वह एक चूहे को मारने के लिए उसकी तलाश में घने जंगल में घुम रहा था। चूहा उसके सामने आ गया और उसने शेर को परेशान करना शुरू कर दिया। शेर ने चूहे को पकड़ लिया, लेकिन चूहा ने शेर को अपनी धार उठाने से पहले कहा कि “तुम बहुत अहंकारी हो। तुम अपनी ताकत पर गर्व करते हो, लेकिन जब तुम इतने बड़े हो, तो क्यों एक छोटे से चूहे से डरते हो?” इससे शेर को समझ में आ गया कि गर्व करना गलत होता है और उसने चूहे को छोड़ दिया।

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8. भेड़िया और साँप: एक भेड़िया और एक साँप एक साथ रहते थे। भेड़िया कभी-कभी साँप को खाने की कोशिश करता था, लेकिन साँप बच निकलता था। एक दिन भेड़िया बीमार पड़ गया और साँप ने उसका इलाज किया। उसने भेड़िया के लिए खाना ढूंढा और उसे दिया। भेड़िया ने यह देखकर अपनी गलती सुधार ली और सांप से माफ़ी भी मांगी और फिर वे दोनों एक साथ दोस्त बनके रहने लगे|

धन्यवाद!

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